The बबूल के फायदे और नुकसान Diaries
दही में मिलाकर भी आप बबूल की गोंद को खा सकते हैं।
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कुछ लोगों को बबूल के इस्तेमाल से एलर्जी हो सकती है इससे बचने के लिए पहले थोड़ी मात्र में बबूल का सेवन करें।
इसे घी में भूनकर सूखे मेवे के साथ मिलाकर लड्डू बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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इसके अलावा बराबर-बराबर मात्रा में बबूल या कीकर की फली, त्रिफला (आमलकी, हरीतकी, बहेड़ा) तथा व्योष (सोंठ, मरिच, पिप्पली) के चूर्ण लें। इसमें बराबर मात्रा में गुग्गुलु मिलाकर सेवन करें। इससे भी हड्डियों के टूटने की बीमारी में मिलता है।
गुलमोहर पेड़ का प्रयोग आज से नहीं, बल्कि कई more info वर्षों से एक असरदार औषधि के रूप में किया जा रहा है. इसके फूल और पत्तियां कई रोगों के इलाज में फायदेमंद हो सकते हैं.
एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण गुलमोहर के पत्तों का उपयोग इस रोग में फायदेमंद है. दूध के साथ पीले रंग के गुलमोहर के पत्ते को पीसकर, बवासीर के मस्सों पर लगाने से आराम मिल सकता है.
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बबूल के गोंद को घी में तलें। इसको खाने से पुरुषों का वीर्य बढ़ता है।
पेट के लिए फायदेमंद बबूल के गोंद के इस्तेमाल से कब्ज आदि नहीं होती। इसमें मौजूद फाइबर पेट में जलन, अफरा जैसी दिक्कतों से निजात दिलाता है। इस गोंद को दही के साथ लेना अधिक गुणकारी है।
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